晨雾中的阿旃陀
The Art of Imperfect Beauty: How a Lens Captures the Fragility of Modern Identity
आँखें बिना मेकार… सच्चाई कहाँ?
वो लड़की है जिसने कभी मेकार नहीं किया… पर दुनिया उसकी आँखों से सांस ले।
मैंने सोचा: ‘ये क्या है? मुझे हर पल में मेकार करना है?’
पर हुई – क्योंकि वो अपरफेक्ट है।
एक पुरानी प्रतीक्षा: जब पूरी दुनिया ‘शोउट’ करती है… वो सिम्पल होती है।
बस! 😌
अब सवाल: आपका ‘मौल-ओ’ मौन समय’ क्या है? #commentarea #soulfulsilence
A Blue Silk Dream: Tang Anqi’s Minimalist Elegance in a Cinematic Moment of Stillness
बिना मेकअप? हाँ! ये तो सिर्फ़ एक कप चाय है… पर इसमें सारी के बुने हुए सपने हैं।
दिल्ली की माँ कहती हैं — “बच्चा पहले सजा करो!”
और पापा (जोड़गन) के प्रशंसा में… हम सभी ‘क्लिक’ करते हैं… पर ‘शटर’ कभी नहीं!
इसको ‘वायरल’ कहना? माफिया!
आखिर में… एक पुराना स्वप्न — “आपको कौन समझता है?”
comment section mein jhoomna hai kya?
Translucent Silks, Empty Spaces: A London Curator’s Meditation on 21 and the Stillness of Japanese Ink
सिल्क बिना मेकप?
ये तो है कि मेरी माँ के घर पर लगा हुआ एक पुराना स्ट्रोक! 🤫
मैंने सोचा — ‘जापानी इंक’ कभी-कभी ‘दिल्ली के पानी’ से मिलता है… और फिर ‘ब्रश’ की हलचल में ‘टेकअप’ का पहलवान! 😅
21 साल का मन? वो है… जब आँखें बंद हों… और सब कुछ ‘शांति’ में सांस लेता है।
अब सवाल — आपकी सबसे ‘स्टिलनेस’ वाली पलटी कब-कब? (इमोज़ियन पर #धुए_ओ_म_ओ_ओ_ओ)
P.S.: #फ्रॉम_डिहलि_विद_लव
Personal introduction
दिल्ली की शांत आत्मा से जुड़ी हर पल की छवि में रहस्य ढूंढती हूँ। मेरे कैमरे में सिर्फ तस्वीरें नहीं, संवाद होते हैं। #एशियनग्रेस #आर्टिस्टलाइफ